विराम चिन्ह किसे कहते है, परिभाषा, प्रकार (भेद) एवं उदाहरण

दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे हिंदी व्याकरण के विराम चिन्ह के बारे में। विराम चिन्ह किसे कहते हैं और इसके कितने प्रकार होते हैं। आपने हिंदी व्याकरण में विराम चिन्ह का नाम जरूर सुना होगा और आप अवश्य ही इसे अपने लिखित रूप में इस्तेमाल करते होंगे। हम यहां आपको विराम चिन्ह की परिभाषा के साथ साथ उसके प्रकारों के बारे में भी बात करेंगे। तो आइए जानते हैं कि विराम चिन्ह किसे कहते हैं।

विराम चिन्ह क्या है?

दोस्तों, हिंदी भाषा में लिखते समय  जब वाक्य पूरा हो जाता है तो उसे रोकने के लिए विराम चिन्ह का इस्तेमाल करते हैं। यह विराम चिन्ह अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिसे अलग- अलग वाक्यों के हिसाब से ही इस्तेमाल किया जाता है।

सरल भाषा में कहा जाए तो किसी भी वाक्य को लिखते समय ना तो एक ही गति में लिखा जा सकता है और ना ही एक ही गति में हम उसे बोल सकते हैं। इसलिए वाक्यों के बीच बीच में कहीं कहीं पर रुकने के लिए या फिर किसी भी वाक्य को पूरा करने के लिए रुकना भी पड़ता है ऐसी स्थिति में हिंदी भाषा में विराम चिन्हों का इस्तेमाल किया जाता है।

विराम चिन्ह के प्रकार

यह विराम चिन्ह कई प्रकार के होते हैं जैसे- 

अल्पविराम

अर्ध विराम

पूर्ण विराम

अपूर्ण विराम

प्रश्नवाचक चिन्ह

निर्देशक

योजक

कोष्ठक

उद्धरण

विस्मयादिबोधक

लाघव चिन्ह।

अल्पविराम:-

अल्पविराम यानी ( Comma) (,) :- जब किसी वाक्य में एक समान महत्व वाले कई शब्दों का एक साथ इस्तेमाल किया जाता है तो उन्हें अलग अलग करने के लिए इस चिन्ह का इस्तेमाल करते हैं।

जैसे:- राधा, रानी और राहुल खेल रहे हैं।

अर्ध विराम:-

अर्ध विराम यानी (Semicolon)(;):- जिस वाक्य में अल्पविराम से कुछ अधिक समय और रुकना पड़ता है वहां अर्ध विराम का इस्तेमाल किया जाता है।

जैसे:- चांद बादलों में चमकने लगा; पक्षी अपने घरों की ओर लौट पड़े, चारों ओर अंधेरा छा गया।

पूर्ण विराम:-

पूर्ण विराम यानि (Full Stop)(।):- जहां वाक्य पूरा हो जाता हैं वहां पर पूर्ण विराम का इस्तेमाल किया जाता हैं। जैसे:- शीला काम करती हैं। 

अपूर्ण विराम :-

अपूर्ण विराम यानी (Colon)(:):- जब किसी वाक्य में किसी भी प्रश्न का उत्तर या फिर उदाहरण किसी अगली पंक्ति में देना होता है तो वहां पर अपूर्ण विराम का इस्तेमाल किया जाता है।  जैसे- विराम के निम्न प्रकार हैं:

प्रश्नवाचक चिन्ह:-

प्रश्नवाचक चिन्ह यानी ( question mark) (?):- ऐसे वाक्य जिनमें किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न पूछा जाता है तो उस वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:- क्या तुम गाना गाते हो?

निर्देशक:-

निर्देशक( Direction mark) (-):-  जब किसी भी वाक्य में किसी भी बात का उत्तर या किसी प्रकार का कोई उदाहरण आगे दिया जाना होता है तो – का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:- सीता ने कहा-

योजक:-

योजक यानी (Hyphen) (-):- जब किसी वाक्य में दो शब्दों को जोड़ा जाता है तो उन्हें जोड़ने के लिए योजना का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:- सुबह- शाम, दिन-रात आदि।

कोष्ठक:-

कोष्ठक यानी (Brake) () :- जब किसी वाक्य में किसी ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया जाता है जिसका अर्थ बड़ा मुश्किल होता है तो उसके अर्थ को प्रकट करने के लिए कोष्ठक का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:- रात्रि (रात) मैं तारे चमकते हैं।

उद्धरण:-

उद्धरण यानी ( Quotes)(” “):- किसी भी वाक्य में जब किसी उद्धत जा कथन का इस्तेमाल किया जाता है तो उसे उद्धरण चिन्ह के बीच में लिखा जाता है। जैसे:- मेरी बातों को सुनकर वह बोली- ” में गाना गा सकती हूँ”।

विस्मयादिबोधक:-

विस्मयादिबोधक यानी(Exclamatory) (!):- जब भी किसी वाक्य में किसी प्रकार का कोई दुख, विवाद, या किसी प्रकार का कोई शोक प्रकट होता है तो ऐसे शब्दों के बाद विस्मयादिबोधक चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:- वाह! क्या दृश्य है।

लाघव चिन्ह:-

लाघव चिन्ह (Small sign)(.):- किसी भी वाक्य में जब किसी शब्द को पूरा नाम लिखकर उसे छोटा करके लिखा जाता है तब उसमें लाघव चिन्ह इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:- मीटर के लिए मी. डॉक्टर के लिए डॉ. आदि।

निष्कर्ष:- 

दोस्तों उम्मीद है आपको हमारा यह लेख “विराम चिन्ह किसे कहते हैं” पसंद आया होगा इस लेख में हिंदी भाषा के  व्याकरण में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के विराम चिन्ह को सरल भाषा में बताने की पूरी कोशिश की गई है। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलेँ। यदि आप इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।  

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